सीखने में स्कैफोल्डिंग क्या है? What is Scaffolding in learning| scaffolding kya hain seekhne mein
स्कैफोल्डिंग का शाब्दिक अर्थ मचान या पाड़ है।
लेव वाइगोटस्की के अनुसार बालक में सीखने के दो स्तर होते हैं। वाइगोटस्की ने सीखने के इन दो स्तरों का वर्णन करते हुए बताया कि बालक में एक स्तर वह होता है जिसमें बालक को सीखने के लिए किसी भी सहयोग की आवश्यकता नहीं होती है और वह स्वतः ही सीख जाता है।यहां बालक अपनी क्षमता के अनुसार सीखने का पहला स्तर तो प्राप्त कर लेता है लेकिन सीखने के दूसरे स्तर तर नहीं पहुंच पाता है । वाइगोटस्की ने सीखने के इस दूसरे स्तर को स्कैफोल्डिंग(Scaffolding) स्तर कहा यहां तक पहुंचने के लिए बालक को किसी दूसरे व्यक्ति के सहारे की आवश्यकता होती है।
इसमें यदि बालक को थोड़ा सहयोग मिल जाए को वह दूसरे स्तर को प्राप्त करते हुए सीख जाता है और यह प्रक्रिया बालक के लिए एक मचान का कार्य करती है इसलिए बाहरी व्यक्ति के सहारे बच्चे द्वारा सीखना ही स्कैफोल्डिंग कहलाता है। इस सहयोग की आवश्यकता बालक के लिए सदैव नहीं होती बल्कि शुरूआत में होती है।
हम सबने देखा होगा कि किसी दूर की वस्तु को देखने या दूर की निगरानी करने के लिए व्यक्ति को मचान की आवश्यकता पड़ती है जिसके सहारे वह दूर के वातावरण की निगरानी कर सकता है। दूसरे व्यक्ति को अधिक ऊंचाई पर कार्य करने के लिए पाड़ के सहारे की आवश्यकता होती है जिससे अधिक ऊंचाई का कार्य आसानी से हो जाता है। वाइगोटस्की ने बताया कि इसी तरह सीखने के दूसरे स्तर तक पहुंचने के लिए बालक को यदि किसी बाहरी तत्व द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है तो वह प्रक्रिया स्कैफोल्डिंग कहलाती है।
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