विधवा पुनर्विवाह अधिनियम क्या है?
Widow remarriage act in hindi
यह अधिनियम विधवाओं के पुनर्विवाह से सम्बन्धित है।
इसमें किसी विधवा के पुन: विवाह को वैध माना गया था।
यह विधवा पुनर्विवाह अधिनियम सन् 1856 में पारित अधिनियम था जो तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर जनरल लार्ड के संरक्षण में लाया गया।
विधवा पुनर्विवाह अधिनियम के नियम XV के तहत किसी विधवा महिला के विवाह को वैध माना गया और उससे से जन्म लेने वाले बच्चों को भी कानूनी मान्यता प्रदान की गयी।
इस अधिनियम को भारतीयों द्वारा भी समर्थन भी प्रदान किया गया।
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इस अधिनियम का समर्थन करने वाले प्रमुख भारतीय व्यक्तियों में ईश्वर चंद्र विद्यासागर, डीके कारवे, विष्णु शास्त्री पण्डित और वीरेश लिंगम पुंतलू थे।