इस योजना को कैलर ने सन् 1968 में तैयार किया था ।
कैलर योजना (Keller Plan) छात्रों के अधिगम के अग्रिम स्तर की ओर बढ़ने के लिए तैयार करने वाली योजना है।
इस योजना में स्वामित्व अधिगम और अधिक्रमित अधिगम का प्रयोग किया जाता है।
इसमें छात्र नियंत्रित, स्वत: अधिगम सम्बन्धी सहायक नियमों का पालन करते हैं।
इस योजना में पता लगाया जाता है कि छात्र कितना कार्य करने का बाद अपनी गति से सीखना प्रारंभ कर देंगे ?
इस योजना में छात्रों की भूमिका मुख्य तथा वे अपने शिक्षण की व्यवस्था स्वंय करते हैं।
इस योजना की मुख्य विशेषता यह होती है कि इसमें स्वाध्याय के लिए एक क्रम का उपयोग किया जाता है और छात्र सीखने के लिए इसी क्रम का पालन करते हैं।
इस योजना के अंतर्गत छात्र अपनी गति से स्वंय सीखता है।
जब छात्र किसी अधिगम स्तर पर स्वामित्व प्राप्त कर लेता है तब वह अगले स्तर की तरफ अधिगम हेतु अग्रसर होता है।
यदि वह वर्तमान स्तर पर स्वामित्व प्राप्त करने में असमर्थ होता है तब उसे वही यूनिट का दोबारा अध्ययन कराया जाता है और असफल छात्र अनुवर्ग विधि से शिक्षण करते हैं।
छात्र ने वर्तमान ईकाई पर अपना स्वामित्व प्राप्त कर लिया है
या नहीं इसका आकलन करने के लिए छात्र पर परीक्षा आयोजित की जाती है और यदि छात्र उस परीक्षा में असफल हो जाता है तो पुनः उस सीखने के लिए तैयार किया जाता है।
सीखने के अनुक्रम में यदि छात्र ने सीखने का वर्तमान स्तर पर अपना स्वामित्व प्राप्त कर लिया है तो उसको अगले स्तर की ओर प्रोन्नत किया जाता है।
यह योजना रेखीय अनुदेशन की तरह है।