ब्रेन स्टॉर्मिंग या मानसिक उद्वेलन विधि मस्तिष्क उद्वेलन विधि शिक्षण की एक ऐसी विधि है जिसमें अधिगमकर्त्ता के मस्तिष्क में किसी समस्या के समाधान हेतु विचारों या समाधान का स्फुटन किया जाता है।
इस दौरान अधिगमकर्त्ता के मस्तिष्क को नए विचारों या नए समाधान हेतु उकसाया जाता है।
इस विधि में छात्रों के समक्ष कोई ऐसी समस्या प्रस्तुत की जाती है और छात्रों को इस समस्या का समाधान खोजने के लिए प्रवृत्त किया जाता है । उनको स्वतंत्र रूप से कोई भी समाधान खोजने का अवसर और निमंत्रण दिया जाता है।
इस प्रक्रिया में छात्रों के सभी विचारों को सहर्ष स्वीकार भी किया जाता है ।
छात्रों द्वारा सुझाए गए किसी समस्या के समाधान हेतु विचारों में जो सबसे उपयुक्त होता है, उसको ग्रहण कर लिया जाता है। इस विधि में बालकों के मस्तिष्क को सक्रिय करने और समस्या समाधान हेतु उकसाया जाता है। इस विधि में बालकों को पूर्ण स्वतंत्रता दी जाती है।
बालकों को सोचने विचारने और समस्या समाधान खोजने की पूर्ण स्वतंत्रता इसलिए दी जाती है क्योंकि इसी परिवेश में ही बालक बिना किसी बंधन और झेंप के ही कोई नवीन विचार सोच सकते हैं और शिक्षक के समक्ष प्रस्तावित कर सकते हैं।
इस विधि में बालकों को सभी नजरिये से और सभी दिशाओं में सोचने विचारने की छूट दी जाती है फिर जो भी विचार सर्वोत्तम और उपयोगी होता है उसे स्वीकार कर लिया जाता है।
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